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सूर्यदेव: आकाश के राजा की कहानी और उनके 10 शक्तिशाली मंत्र।

 सूर्यदेव, भारतीय वेद-पुराणिक साहित्य में देवताओं के राजा के रूप में पूजे जाने वाले एक महत्त्वपूर्ण देवता हैं। वे सबके जीवन को प्रकाशमय बनाने के लिए पौराणिक कहानियों और उनके मंत्रों के माध्यम से जाने जाते हैं। इस लेख में, हम सूर्यदेव की कहानी के साथ उनके 10 प्रमुख मंत्रों को जानेंगे।


1. सूर्यदेव की कहानी:

सूर्यदेव को सूर्यपुत्र, सविता, आदित्य, भानु, रवि, विवस्वान आदि नामों से भी जाना जाता हैं। उन्हें दिन के भगवान के रूप में पूजा जाता है जो हमें ऊर्जा, प्रकाश, और जीवन देते हैं। उनकी कहानियां पुराणों में विविध रूप से मिलती हैं, जो हमें उनके महत्त्व का साक्षात्कार कराती हैं।


2. सूर्यदेव के 10 मंत्र:


ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।
प्रातः के समय उठकर, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम खकोलकयै विद्महे पाशबाणाय धीमहि। तन्नो आदित्य: प्रचोदयात्।
संध्या के समय, पश्चिम दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम नमो भागवते रवये मृत्यवे चास्वाहा।
रात्रि के समय, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम ह्रीं ह्रां ह्रौं स: सूर्याय नम:।
सूर्योदय के समय, उषा काल में, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम अर्काय नम:।
सूर्योदय के समय, उषा काल में, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम ह्रीं ह्रां स: सूर्याय नम:।
प्रातः के समय उठकर, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम सूर्याय नम:।
सूर्योदय के समय, उषा काल में, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम आर्तये नम:। 
दिन के किसी भी समय, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम नमो आदित्याय।
प्रातः के समय, उठकर, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

ओम खगाय नम:।
सूर्योदय के समय, उषा काल में, उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

सूर्यदेव की पूजा और मंत्रजाप से हम उनके संरक्षण और कृपा को प्राप्त कर सकते हैं जो हमें ऊर्जा, स्वास्थ्य, और ज्ञान के साथ जीवन में आगे बढ़ने की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। ये मंत्र शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं और जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का सामर्थ्य प्रदान करते हैं। इन मंत्रों का नियमित जाप करके हम सूर्यदेव की असीम कृपा का आनंद ले सकते हैं और उनके ऊँ ऊँकार की शक्ति से जीवन को आनंदमय बना सकते हैं। सूर्यदेव के ये मंत्र हमें सुरक्षित रखते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। मन और शरीर को सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिए, इन मंत्रों को सच्ची श्रद्धाभक्ति और समर्पण के साथ जाप करना चाहिए। सूर्य आराधना का यह साधना हमें सच्चे ध्यान में ले जाकर अद्भुत आत्मा के साथ मिलाता है। इससे हमारा मानवीय और आध्यात्मिक विकास होता है और हम एक पूर्ण और सफल जीवन जी सकते हैं।




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