खुद को हर दिन बेहतर बना रहा हूँ, दूसरों से इसलिए लड़ता नहीं। दुनियाँ क्या सोचे मेरे बारे में, फ़र्क़ उससे मुझे पड़ता नहीं। रिश्ते, जरूरी हैं सब मेरे लिए, रिश्तों को अधूरा छोड़ता नहीं। परेशानियों के इस दौर में, हर शख्स अपनी जंग लड़ रहा! मदद न हो तो न सही, तमाशबीन बनने का शौक नहीं। ख़ामोशी को मेरी बेअदबी न समझो, आदतन में यूँ ही, किसी को परेशान करता नहीं। उम्मीदें खुद से है, पर खुदा बनने की ख्वाइश नहीं। अपेक्षायें होंगी मुझसे बहुतों को, हर आशा का किरण बन सकूँ, यह भी तो मुमकिन नहीं ! #poetry #Kavita #hindikavita #shayari #
Easy going, spontaneous poetry to express ones feelings.